Class 12 Extra questions English Flamingo Chapter 3 Deep Water by William Douglas

Class 12 Extra questions                    English Flamingo Chapter 3                                                                           Deep Water by William Douglas 1. Q: What initial event led to Douglas's fear of water?    A: Douglas's fear of water began when he was thrown into the deep end of the Y.M.C.A. pool by a bully, nearly causing him to drown.   2. Q: How did Douglas’s early experiences at the beach contribute to his fear?    A: As a child, Douglas had been knocked down by waves at a beach in California, which left him frightened of water. 3. Q: Why did Douglas decide to learn swimming despite his fear?    A: Douglas decided to learn swimming to overcome his debilitating fear and regain confidenc...

Class 12 NCERT Solutions Hindi Aroha Chapter 7 Badal Rag By Suryakant Tripathi Nirala

Class 12 NCERT Solutions Hindi Aroha Chapter 7 

                            Badal Rag By Suryakant Tripathi Nirala   

              
      आरोह -     बादल राग  - सूर्यकांत त्रिपाठी “ निराला ”


         (अध्याय - बादल राग  लेखक - सूर्यकांत त्रिपाठी “ निराला ”)


कविता के साथ
1. अस्थिर सुख पर दुख की छाया पंक्ति में दुख की छाया किसे कहा गया है और क्यों?
Answer-"अस्थिर सुख पर दुख की छाया" पंक्ति में "दुख की छाया" को मनुष्य को कहा गया है। 

इस पंक्ति में "अस्थिर सुख" का उल्लेख है, जो अवश्यंभावी, अस्थायी और असुरक्षित होता है। जब हम अस्थिर सुख की ओर अपनी ध्यान लगाते हैं, तो हमें अनिश्चितता और असुरक्षा का अनुभव होता है। इस पंक्ति में "दुख की छाया" उस अनिश्चितता और असुरक्षा का प्रतीक है जो हमारे मन को दुखी और उदास बनाता है।

इस पंक्ति में, "दुख की छाया" ने मनुष्य को कहा गया है क्योंकि मनुष्य जीवन में अस्थिरता और अनिश्चितता का अनुभव करता है। मनुष्य अपने जीवन में सुख की अनुभूति करता है, लेकिन यह सुख स्थायी नहीं होता, और इसके बदले में उसे अनिश्चितता और दुख का सामना करना पड़ता है। इसलिए, "दुख की छाया" को मनुष्य कहा गया है, क्योंकि मनुष्य अपने जीवन में सुख और दुःख के अनुभव को अनुभव करता है।

2. अशनि-पात से शापित उन्नत शत-शत वीर पंक्ति में किसकी ओर संकेत किया गया है?
Answer-"अशनि-पात से शापित उन्नत शत-शत वीर" पंक्ति में "अशनि-पात" से संकेत किया गया है।

"अशनि-पात" इंद्रधनुष का एक अंग्रेजी शब्द है जो बिजली के गिरने को दर्शाता है। इस पंक्ति में, "अशनि-पात से शापित" का उल्लेख है, जो अशनि-पात या बिजली के गिरने के शापित (प्रभावित) होने का विवरण करता है। इससे स्पष्ट है कि इस पंक्ति में बिजली के बारे में बात की गई है।

यह पंक्ति आधुनिकता, प्रगति, और शौर्य के संबंध में उल्लेख करती है, जहाँ "अशनि-पात से शापित" व्यक्ति या वीर के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। इस पंक्ति में वीर की महानता और शौर्य का उल्लेख है, जो अशनि-पात या बिजली के गिरने के बावजूद भी उन्नत और प्रभावशाली रहते हैं।

3. विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते पंक्ति में विप्लव-रव से क्या तात्पर्य है? छोटे ही हैं शोभा पाते सा क्यों कहा गया है?
Answer-"विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते" पंक्ति में "विप्लव-रव" का तात्पर्य धर्मयुद्ध और स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं से है, जो स्वतंत्रता के लिए लड़ते हैं। "विप्लव-रव" में "रव" शब्द का अर्थ होता है सूर्य या प्रकाश, और "विप्लव" शब्द का अर्थ होता है उपद्रव, आवेग, या आंदोलन। इस पंक्ति में "विप्लव-रव" का उपयोग उन योद्धाओं की स्थिति को दर्शाता है जो आंदोलन के द्वारा अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए लड़ते हैं।

"छोटे ही हैं शोभा पाते" अर्थात "छोटे ही हैं" का अर्थ है कि ये योद्धा बहुत छोटे समय में अपनी शोभा को पाते हैं, यानी वे जल्दी ही अपनी महानता को प्राप्त कर लेते हैं। इस वाक्य में सुझाव दिया जा रहा है कि उन्होंने बहुत कम समय में ही अपने कार्यों के माध्यम से महान कार्यों को प्राप्त कर लिया है। उनकी शोभा तब सम्पादित हो जाती है जब वे आंदोलन के माध्यम से अपने लक्ष्यों को हासिल करते हैं। इसलिए, "विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते" में यह अभिप्रेत होता है कि वे योद्धा बहुत कम समय में ही अपनी महानता को प्राप्त कर लेते हैं।

4. बादलों के आगमन से प्रकृति में होने वाले किन-किन परिवर्तनों को कविता रेखांकित करती है?
Answer-"बादल राग" कविता में बादलों के आगमन से प्रकृति में निम्नलिखित परिवर्तनों का वर्णन किया गया है:

 वातावरण में परिवर्तन: बादलों के आगमन से वातावरण में परिवर्तन होता है। कविता में यह प्रतीत होता है कि बादलों के आगमन के साथ ही हवा की ठंडक और शांति महसूस होती है।

 प्राकृतिक सौंदर्य: बादलों के आगमन से प्राकृतिक सौंदर्य में वृद्धि होती है। कविता में बादलों के रंग, स्वरूप, और विशालता का वर्णन किया गया है, जो प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाता है।

 प्रकाश और छाया: बादलों के आगमन से प्रकाश और छाया की स्थिति में परिवर्तन होता है। कविता में बादलों के आगमन के साथ सूरज की किरणों के प्रकाश की धुंधलाहट और छाया का खेल वर्णित है।

 मौसम का बदलना: बादलों के आगमन से मौसम का बदलना होता है। कविता में बादलों के आगमन के साथ ही वर्षा की संभावना का सुझाव दिया गया है।

इन सभी परिवर्तनों को कविता ने अपने अलंकारिक भाषा और चित्रण के माध्यम से व्यक्त किया है।



व्याख्या कीजिए
1.  तिरती है समीर-सागर पर
 अस्थिर सुख पर दुख की छाया–
 जग के दग्ध हृदय पर
 निर्दय विप्लव की प्लावित माया–
Answer-इस में, कवि सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" ने मनुष्य के जीवन की अनिश्चितता और अस्थिरता का वर्णन किया है। उन्होंने व्यक्त किया है कि जीवन के सुख एवं संवेदनाओं की अस्थिरता के कारण मनुष्य का हृदय दुःख से जलता है। उन्होंने सागर के ऊपर तैरते हुए समीर की तरह इस समाज को दुखों के सागर में तैरते हुए चित्रित किया है। 

"अस्थिर सुख पर दुख की छाया" श्रेणीबद्ध जीवन की स्थिति को व्यक्त करती है। जीवन के सुख-दुख और परिवर्तनों में स्थितिगतता की अभावशीलता और अस्थिरता का उन्होंने संकेत किया है। 

"जग के दग्ध हृदय पर" उन्होंने समाज के दग्ध हृदय की असहायता और दुःख को व्यक्त किया है। 

"निर्दय विप्लव की प्लावित माया" में विप्लव की प्लावित माया से आदमी के बुद्धि का मोह को व्यक्त किया गया है। यहाँ 'विप्लव' का तात्पर्य संघर्ष या आंदोलन से है, और 'प्लावित माया' से बुद्धि का मोह या अनधिकृत आकर्षण बताया गया है। इस संघर्ष और मोह के बावजूद, जीवन में अस्थिरता और दुख की छाया हमेशा रहती है। 

इस पंक्ति के माध्यम से, कवि ने मानव जीवन की स्थिति को अभिव्यक्त किया है जो अस्थिरता, अनिश्चितता, और दुख के प्रति एक निरंतर जुजारू रहती है।

व्याख्या कीजिए

2.  अट्टालिका नहीं है रे
 आतंक-भवन
 सदा पंक पर ही होता
 जल-विप्लव-प्लावन
Answer-इस पंक्ति में, कवि सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" ने मनुष्य के अंदर स्थित भय और डर की भावना को व्यक्त किया है। 

"अट्टालिका नहीं है रे" यह पंक्ति मनुष्य की साहसिकता को व्यक्त करती है, जिसमें कवि कहते हैं कि वह अट्टालिका, यानी बेड़ाग नहीं है। इससे समझा जा सकता है कि कवि वास्तव में इसे डर की स्थिति से बाहर निकलने की प्रेरणा देने के पक्ष में हैं। 

"आतंक-भवन" इस पंक्ति में आतंक की भावना को व्यक्त किया गया है, जो मनुष्य के मन में एक भयंकर भावना उत्पन्न करती है। 

"सदा पंक पर ही होता" इस पंक्ति में यह सुझाव दिया गया है कि भय और डर की भावना कभी भी मनुष्य के मन से हटती नहीं है, वे सदैव उसके मन में ही स्थित रहते हैं। 

"जल-विप्लव-प्लावन" इस पंक्ति में मनुष्य के मन में होने वाले उथल-पुथल और उनके उत्कट संवेदनात्मक तूफान को व्यक्त किया गया है, जो उसके मन को हिला देते हैं। 

इस पंक्ति में, कवि भय और डर की भावना के अंदर छिपे मनुष्य की अनिश्चितता और अस्थिरता को व्यक्त करते हैं। यह भावनात्मक तबाही का चित्रण करता है, जो उसके मन को हर वक्त आघात पहुंचाता रहता है।



कला की बात
1. पूरी कविता में प्रकृति का मानवीकरण किया गया है। आपको प्रकृति का कौन-सा मानवीय रूप पसंद आया और क्यों?

Answer-"बादल राग" कविता में, प्रकृति का मानवीय रूप प्रेमिका के रूप में प्रस्तुत किया गया है। प्रकृति को बादलों के रूप में व्यक्त किया गया है, जो प्रेमिका की अद्वितीयता, रहस्यमयता, और रोमांच को उत्कृष्टता से दर्शाते हैं। प्रकृति के बादलों के रूप में दिखाई गई विविधता और अनन्तता, प्रेम की अमिट और अद्वितीयता को प्रकट करती हैं। इस तरह, प्रकृति को प्रेमिका के रूप में प्रस्तुत करने से, कवि ने प्रेम और प्रकृति के मध्य एकता को साबित किया है। इस प्रकार, मुझे इस कविता में प्रकृति का मानवीय रूप, यानी प्रेमिका के रूप में प्रस्तुत किया गया है, यह सबसे अधिक पसंद आया।


2. कविता में रूपक अलंकार का प्रयोग कहाँ-कहाँ हुआ है? संबंधित वाक्यांश को छाँटकर लिखिए।

Answer-"बादल राग" कविता में रूपक अलंकार का प्रयोग कई जगह हुआ है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं:

 "प्यारी आँखों में" - यहाँ प्यारी आँखों का उपयोग प्रेमिका के सौंदर्य और आकर्षण को संदर्भित करने के लिए किया गया है।

"धरती के अश्रु" - यहाँ धरती के अश्रु शीतलता और शांति का प्रतीक है, जो मन को संतुष्ट करते हैं।

"अप्रतिम" - यहाँ अप्रतिम शब्द का उपयोग प्रेमिका के सौंदर्य और अद्वितीयता को संदर्भित करने के लिए किया गया है।

"आकाश में उमंग" - यहाँ आकाश में उमंग का उपयोग खुशी, उत्साह और साहस के अनुभव को संदर्भित करने के लिए किया गया है।

"आसमान के शिखर पर" - यहाँ आसमान के शिखर पर का उपयोग प्रेमिका के सौंदर्य और महत्व को बताने के लिए किया गया है।

"आत्म-रस" - यहाँ आत्म-रस का उपयोग प्रेम के रस को संदर्भित करने के लिए किया गया है।

इन उदाहरणों में, प्रेमिका, प्रेम और प्रेम के अनुभव को प्रकृति के विभिन्न तत्वों के माध्यम से वर्णित किया गया है, जिसे रूपक अलंकार के रूप में जाना जा सकता है।


3. इस कविता में बादल के लिए ऐ विप्लव के वीर!, ऐ जीवन के पारावार! जैसे संबोधनों का इस्तेमाल किया गया है। बादल राग कविता के शेष पाँच खंडों में भी कई संबोधनों का इस्तेमाल किया गया है। जैसे– अरे वर्ष के हर्ष!, मेरे पागल बादल!, ऐ निर्बंध!, ऐ स्वच्छंद!, ऐ उद्दाम!, ऐ सम्राट!, ऐ विप्लव के प्लावन!, ऐ अनंत के चंचल शिशु सुकुमार! उपर्युक्त संबोधनों की व्याख्या करें तथा बताएँ कि बादल के लिए इन संबोधनों का क्या औचित्य है?

Answer-इस कविता में बादल के लिए विभिन्न संबोधनों का प्रयोग किया गया है, जो उनकी भवनाओं और स्थितियों को अधिक जीवंत बनाते हैं। ये संबोधन उनकी प्राकृतिक स्वरूप को उजागर करते हैं और उन्हें एकांतिकता से संबोधित करते हैं।

"विप्लव के वीर" - यहाँ बादल को वीरता के प्रतीक के रूप में संबोधित किया गया है। इस संबोधन से बादल की अद्वितीयता, उनकी वीरता और उनकी महत्ता को दर्शाया गया है।

"जीवन के पारावार" - यह संबोधन बादल को जीवन के अनिश्चितता और उसके अनिवार्यता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करता है। इससे बादल का साहस और उनकी अस्तित्व की महत्वता को उजागर किया गया है।

"वर्ष के हर्ष" - यह संबोधन बादल की उत्साहपूर्ण स्वभाव को दर्शाता है, जिससे उनकी आगमनी और उनकी वृष्टि की धारा का महत्त्व प्रकट होता है।

"निर्बंध" - यह संबोधन बादल की महत्ता और शक्ति को दर्शाता है, जो उनकी अनिवार्यता और अद्वितीयता को उजागर करता है।

 "उद्दाम" - यह संबोधन बादल के उत्साह और समर्थन को प्रकट करता है, जो उनकी ऊर्जा और प्रेरणा को दर्शाता है।

इन संबोधनों के माध्यम से, कवि ने बादल को जीवंत, उत्साही, और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया है, और उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को संदर्भित किया है।


4. कवि बादलों को किस रूप में देखता है? कालिदास ने मेघदूत काव्य में मेघों को दूत के रूप में देखा। आप अपना कोई काल्पनिक बिंब दीजिए।

Answer-कवि बादलों को कविता में देवी-देवता के रूप में देखता है। उनकी उच्चता, महत्ता, और अद्वितीयता को देवी-देवता के समान वर्णित किया गया है। बादल का साम्राज्य, उनकी असीम ऊर्जा और उच्च गतिशीलता, और उनकी शांति के रूप में विचार किया गया है।

 काल्पनिक बिंब यह है कि बादल एक विशाल राजा के रूप में देखे जा सकते हैं, जो आकाश में अपनी शानदार राजसी वाहन पर बैठा है। उनकी विलक्षणता, शक्ति, और प्रभावशीलता उन्हें राजा की भूमिका में प्रकट करती हैं, जो पृथ्वी पर अपने आदेशों को आसमान से सार्वजनिक करता है। उनकी गर्जन, उनकी बारिश, और उनकी विविधता सभी इस राजा के शासन के विभिन्न पहलुओं को प्रकट करती हैं। बादलों का चेहरा आकाश में एक महान राजधानी के समान होता है, जिसका दर्शन करते ही सभी विचार और क्रियाएँ उनके साम्राज्य में लग जाती हैं।


5. कविता को प्रभावी बनाने के लिए कवि विशेषणों का सायास प्रयोग करता है जैसे- अस्थिर सुख। सुख के साथ अस्थिर विशेषण के प्रयोग ने सुख के अर्थ में विशेष प्रभाव पैदा कर दिया है। ऐसे अन्य विशेषणों को कविता से छाँटकर लिखें तथा बताएँ कि ऐसे शब्द-पदों के प्रयोग से कविता के अर्थ में क्या विशेष प्रभाव पैदा हुआ है?

Answer-कवि विशेषणों का सायास प्रयोग करके कविता में विभिन्न भावनाओं और अनुभूतियों को सुगमता से प्रकट करते हैं। इस तकनीक के माध्यम से, कविता के अर्थ में गहराई और गुभाराहट को बढ़ाया जाता है।

कुछ अन्य विशेषणों के उदाहरण इस प्रकार हो सकते हैं:

 उत्साहित संवेदना: उदाहरण के लिए, "उद्दाम बादल"। यहाँ, शब्द "उद्दाम" उत्साह और प्रेरणा को संवेदनशीलता के साथ जोड़ता है, जिससे कविता में एक ऊर्जावान और प्रेरणादायक वातावरण बनता है।

 निर्मल सौंदर्य: उदाहरण के लिए, "निर्मल बादल"। यहाँ, "निर्मल" शब्द बादलों की शुद्धता और साफ़ी को संदर्भित करता है, जो कविता में एक स्वच्छ और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है।

 विकसित दृश्य: उदाहरण के लिए, "विप्लव बादल"। यहाँ, "विप्लव" शब्द बादलों की अद्भुतता और विकसितता को व्यक्त करता है, जिससे कविता में गहराई और आकर्षण बढ़ता है।

इस प्रकार, विशेषणों का प्रयोग करके कवि विभिन्न भावनाओं और अनुभूतियों को व्यक्त करते हैं, जिससे कविता के अर्थ में गहराई और प्रभाव बढ़ता है।


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