Class 12 Extra questions English Flamingo Chapter 3 Deep Water by William Douglas

Class 12 Extra questions                    English Flamingo Chapter 3                                                                           Deep Water by William Douglas 1. Q: What initial event led to Douglas's fear of water?    A: Douglas's fear of water began when he was thrown into the deep end of the Y.M.C.A. pool by a bully, nearly causing him to drown.   2. Q: How did Douglas’s early experiences at the beach contribute to his fear?    A: As a child, Douglas had been knocked down by waves at a beach in California, which left him frightened of water. 3. Q: Why did Douglas decide to learn swimming despite his fear?    A: Douglas decided to learn swimming to overcome his debilitating fear and regain confidenc...

Class 12 NCERT Solutions Hindi Aroha Chapter 3 Kavita ke Bahane Avam Bat Sidhi Thi Par by Kunvar Narayan

Class 12 NCERT Solutions Hindi Aroha 
       

 Chapter 3 Kavita ke Bahane  
                                      Avam 
                       Bat Sidhi Thi Par by Kunvar Narayan
   

आरोह -     "कविता के बहाने"   एवं  "बात सीधी थी पर " -कुँवर नारायण 




1. इस कविता के बहाने बताएँ कि ‘सब घर एक कर देने के माने’ क्या है?

Answer-"सब घर एक कर देने के माने" का मतलब है कि एक सामाजिक या परिवारिक समूह के सदस्य सभी अपने साथ लाये गए संघर्षों, समस्याओं और उत्साह को साझा करते हैं और एकजुट होकर उन्हें हल करते हैं। इसका अर्थ है कि समूह के सदस्यों को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए, साझा करना चाहिए, और एक-दूसरे के साथ साझेदारी करना चाहिए ताकि सामूहिक उत्थान और समृद्धि हो सके।

"कविता के बहाने" यहाँ उपयोग किया गया है ताकि इस मूल्यवान संदेश को कविता के माध्यम से समझाया जा सके। कविता के माध्यम से, कवि समाजिक और पारिवारिक संबंधों को प्रमोट करने का संदेश देते हैं, और यह आदर्श सामाजिक व्यवस्था की एक प्रशंसनीय विशेषता है।

2. ‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या संबंध बनता है?

Answer-"कविता के बहाने" नामक कविता के अंतर्गत "उड़ने" और "खिलने" दोनों के बहुत ही महत्वपूर्ण अर्थ होते हैं। ये दोनों शब्द कविता के माध्यम से व्यक्ति के अंतर्निहित भावनाओं और अनुभवों को संवाद करते हैं।

"उड़ने" का संदेश विचारों और सपनों की उड़ान के बारे में है, जो व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। यह एक ऊर्जावान और आत्मसात करने वाला अनुभव होता है जो व्यक्ति को अपने सपनों को प्राप्त करने की प्रेरणा देता है।

वहीं, "खिलने" का संदेश खुशियों और संतोष के बारे में है। जब कोई खिलता है, तो वह अपने अंदर की आनंद की भावना को व्यक्त करता है। यह एक स्थिर और खुशामय अनुभव होता है जो व्यक्ति को आनंद में ले जाता है।

कविता में ये दोनों अनुभव एक-दूसरे के साथ जुड़े होते हैं, और ये दोनों एक सकारात्मक और प्रेरणादायक संदेश के साथ प्रस्तुत किए जाते हैं कि जीवन में सपनों की उड़ान भरना और खुशियों का आनंद लेना कितना महत्वपूर्ण है।

3. कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं?

Answer-"कविता के बहाने" कविता को बच्चों के साथ समानांतर रखने के कई कारण हो सकते हैं:

सरलता और संवेदनशीलता: कविताएँ अक्सर सरल और संवेदनशील भाषा में लिखी जाती हैं, जो बच्चों को समझने में आसानी प्रदान करती है। वे बच्चों की भावनाओं और सोच के साथ संवाद करने का साधन बनती हैं।

विशेष बातें समझाना: कविताएँ विशेष बातों को समझाने के लिए उत्कृष्ट साधन होती हैं, जैसे कि नैतिक मूल्यों, जीवन की सीख, और संवाद का महत्व।

सरलता और खिलौने: कविताएँ सामाजिक संदेश को सरलता के साथ प्रस्तुत करती हैं, जिससे बच्चों को आसानी से समझने में मदद मिलती है। वे एक साथ खेलने और सीखने का एक मजेदार तरीका भी हो सकती हैं।

संवाद संभालना: कविताएँ बच्चों को संवाद संभालने और सोचने की क्षमता को बढ़ावा देती हैं, जो उनकी सामाजिक, भावनात्मक, और बौद्धिक विकास में मदद करता है।

रचनात्मकता को प्रोत्साहन: कविताएँ बच्चों को रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती हैं, जो उन्हें अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रेरित करती हैं।

इन कारणों से, कविता बच्चों के साथ समानांतर रखी जा सकती है और उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

4. कविता के संदर्भ में ‘बिना मुरझाए महकने के माने’ क्या होते हैं?

Answer-"कविता के बहाने" नामक कविता में "बिना मुरझाए महकने" के मान का संदेश बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह अभिव्यक्ति आत्मीयता, साहित्यिक रस और अनुभव की गहराई को दर्शाती है। 

"बिना मुरझाए महकने" का मतलब है कि अच्छी कविता वह होती है जो किसी भी समय और स्थिति में अपने सौंदर्य और महक को बनाए रखती है, बिना किसी अंतिम अवस्था या मरण की प्रक्रिया का अनुभव किये। इसका मतलब है कि कविता की समृद्धि और उसकी सौंदर्यता कभी नहीं मुरझाती, बल्कि वह हमेशा महकती रहती है, चाहे वह किसी को भी पढ़ी जाए। 

इसके साथ ही, यह अभिव्यक्ति भावनात्मक संवेदनशीलता की महक को भी दर्शाती है। कविता की महक हमें उसके अद्वितीयता और रसवत अनुभव के साथ जोड़ती है, जिससे हमें उसकी साहित्यिक महत्वाकांक्षा और सर्वोत्कृष्टता का अनुभव होता है।

इस प्रकार, "कविता के बहाने" के माध्यम से "बिना मुरझाए महकने" के मान को उजागर किया गया है, जो कि कविता की अनन्तता और सौंदर्य को व्यक्त करता है।

5. ‘भाषा को सहूलियत’ से बरतने से क्या अभिप्राय है?

Answer-"भाषा को सहूलियत" से बरतने का अभिप्राय है कि हम अपनी भाषा को इस प्रकार से उपयोग करें कि सामान्य लोग आसानी से समझ सकें। इसका मतलब है कि हम वाक्यांशों और शब्दों का चयन करते समय सरलता, स्पष्टता, और सामान्यत: प्रयुक्त शब्दों का प्रयोग करें।

"बात सीधी थी पर" कविता में यह वाक्यांश प्रयोग होता है, जो बताता है कि बात सीधी और सरल थी, लेकिन कुछ अन्य कारणों से संवाद की दिशा बदल गई। "भाषा को सहूलियत" से बरतने का मतलब है कि हम अपनी भाषा को ऐसे बनाएं जिससे सामान्य लोग बात सरलता से समझ सकें, और इससे संवाद में कोई अनवश्यक भ्रांति न हो।

6. बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं, किंतु कभी-कभी भाषा के चक्कर में ‘सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है’ कैसे?

Answer-"बात सीधी थी पर" कविता में यह वाक्यांश प्रयोग होता है, जो बताता है कि बात सीधी और सरल थी, लेकिन कुछ अन्य कारणों से संवाद की दिशा बदल गई। इसका मतलब है कि कभी-कभी भाषा के चक्कर में हम सीधी बात को गलत तरीके से समझ लेते हैं या उसमें गलत अर्थ निकाल लेते हैं। 

इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

भाषा की गलत समझ: कई बार, हमारी भाषा की गलत समझ या उसके अन्यायपूर्ण अर्थों के कारण हम बात को टेढ़ा समझ सकते हैं।

भाषा का अपरिचित उपयोग: कई बार, हम भाषा के अपरिचित उपयोग के कारण बात को गलत समझ सकते हैं या अन्यायपूर्ण अर्थ निकाल सकते हैं।

संवाद की कमी: कभी-कभी, संवाद में कमी होने के कारण हम बात को सही से समझ नहीं पाते हैं और उसे गलत समझ लेते हैं।

इन कारणों से, भाषा के चक्कर में हमारी सीधी बात टेढ़ी हो जाती है और हम गलत समझ लेते हैं कि बात सीधी थी, परंतु वास्तव में हमारी समझ गलत थी।

7. बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिंबोंमुहावरों से मिलान करें।

बिंब / मुहावरा विशेषता

(क) बात की चूड़ी मर जाना कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना

(ख) बात की पेंच खोलना बात का पकड़ में न आना

(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना बात का प्रभावहीन हो जाना

(घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना बात में कसावट का न होना

(ङ) बात का बन जाना बात को सहज और स्पष्ट करना

Answer-(क) बात की चूड़ी मर जाना - कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना

(ख) बात की पेंच खोलना - बात का पकड़ में न आना

(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना - बात का प्रभावहीन हो जाना

(घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना - बात में कसावट का न होना

(ङ) बात का बन जाना - बात को सहज और स्पष्ट करना

यह बिंबों मुहावरों के माध्यम से विशेषताओं को बताते हैं, जो कि "बात सीधी थी पर" कथा के संदेश को उजागर करते हैं।

8. बात से जुड़े कई मुहावरे प्रचलित हैं। कुछ मुहावरों का प्रयोग करते हुए लिखें।

Answer-कुछ मुहावरों का प्रयोग करते हुए लिखते हैं:

बात कागज पर नहीं आई: बात सीधी थी, पर वह कागज पर नहीं आई।

बात मुँह में राम बगल में छुरी: उसने कहा कुछ और, लेकिन किया कुछ और।

बात आंखों की सीधी तो है, पर जुबां पर असर बिगाड़ जाता है: उसके भाव अन्यथा हैं, वह अपने मन की बात कह नहीं पाता।

बात उलझान में है: सच्चाई का पता लगाना मुश्किल है।

बात खामोशी से हो रही है: उनके बीच बातचीत नहीं हो रही है।

बात करी है, बात सुनी है: उसकी बात सुनकर हमने उसके पक्ष को समझ लिया।

बात का तजुर्बा: उसने जितने बातें की हैं, उसका अनुभव उसके लिए अमूल्य है।

बात मैसूरी में घसीटना: किसी बात को लम्बा करना।

बात की बात में बजना: बात में रुचि होना।

बात को खटास कर देना: किसी बात को स्वीकार न करना।

9.व्याख्या करें
ज़ोर ज़बरदस्ती से
       बात की चूड़ी मर गई
                 और वह भाषा में बेकार घूमने लगी

Answer-यह पंक्ति "बात सीधी थी पर" कविता के अंत में दी गई है, जिसका अर्थ है कि जब किसी कथा या घटना का वर्णन या समझावट "ज़ोर ज़बरदस्ती से" किया जाता है, तो वह कथा या घटना अप्राकृतिक और असार हो जाती है।

यहां "बात की चूड़ी मर गई" का अर्थ है कि जब किसी बात को जोर-जबरदस्ती से या बिना समझे लोगों के द्वारा किया जाता है, तो वह बात अप्रभावी हो जाती है और उसका असली अर्थ खो जाता है। 

"और वह भाषा में बेकार घूमने लगी" का मतलब है कि जब वह बात बिना समझे या अर्थहीन रूप में भाषा में फैल जाती है, तो वह बात समझने और प्रेरणा देने की बजाय भ्रांतिमय और उलझनकारी हो जाती है।

इस पंक्ति के माध्यम से कविता के संदेश में बताया गया है कि सत्य कथाओं और विचारों को अपने असली स्वरूप में समझाने और प्रस्तुत करने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि वे अपने उद्देश्य को सही ढंग से प्रकट कर सकें।

10. आधुनिक युग में कविता की संभावनाओं पर चर्चा कीजिए?

Answer-आधुनिक युग में कविता की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए "बात सीधी थी पर " कविता का महत्वपूर्ण उदाहरण हो सकता है। आधुनिक युग में कविता का रूप और साहित्यिक परंपरा में बदलाव हुआ है, और इसके संदर्भ में कुँवर नारायण ने इस कविता में कुछ महत्वपूर्ण विचारों को प्रस्तुत किया है:

भाषा का उपयोग: आधुनिक युग में कविता के रूप में भाषा का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। "बात सीधी थी पर " में कवि ने भाषा का प्रयोग करके एक गहरे संदेश को संवादित किया है।

सामाजिक परिवर्तन का प्रतिबिम्ब: आधुनिक युग में सामाजिक परिवर्तनों का प्रतिबिम्ब कविता में दिखाई दे सकता है। "बात सीधी थी पर " में भी, कवि ने समाज में जोर-जबरदस्ती के भयंकर परिणामों पर ध्यान दिया है।

तकनीकी उपायोगिता: आधुनिक कविता में तकनीकी उपायोगिता का महत्व बढ़ गया है। इस कविता में भी, कवि ने शब्दों का चुनाव और अंकित कीजिए शैली का प्रयोग किया है ताकि अपने संदेश को अधिक सार्थक बनाएं।

व्यक्तिगत अनुभव: आधुनिक कविता अक्सर व्यक्तिगत अनुभवों और भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम बनती है। "बात सीधी थी पर " भी एक ऐसी कविता है जो व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करती है और समाज के समस्याओं को उजागर करती है।

इस प्रकार, "बात सीधी थी पर " जैसी कविताएँ आधुनिक युग में कविता की संभावनाओं को प्रकट करती हैं और आधुनिक समाज के मुद्दों और विचारों को उजागर करती हैं।

11. चूड़ी, कील, पेंच आदि मूर्त्त उपमानों के माध्यम से कवि ने कथ्य की अमूर्त्तता को साकार किया है। भाषा को समृद्ध एवं संप्रेषणीय बनाने में, बिबों और उपमानों के महत्त्व पर चर्चा कीजिए ।

Answer-"बात सीधी थी पर" कविता में कवि ने विविध उपमानों का प्रयोग करके कथ्य की अमूर्तता को साकार किया है। ये उपमान भाषा को समृद्ध और संवेदनशील बनाते हैं।

चूड़ी: चूड़ी का उपयोग किया गया है बात की सहूलियत और सुगमता को बढ़ाने के लिए। चूड़ी बात को सुन्दरता और चमकावट के साथ प्रस्तुत करती है।

कील: कील का उपयोग किया गया है ताकि बात का मतलब अच्छी तरह से समझ में आ सके। कील विषय को स्थिरता और साकारता के साथ प्रस्तुत करती है।

पेंच: पेंच का उपयोग किया गया है ताकि अर्थ को गहराई से समझा जा सके। पेंच बात को अनुभवों और भावनाओं के साथ जोड़ती है।

इन उपमानों के माध्यम से कवि ने विभिन्न अवस्थाओं और भावों को संवेदनशीलता से प्रकट किया है और भाषा को अधिक समृद्ध बनाया है। ये उपमान भाषा को जीवंत और संवादात्मक बनाते हैं और पाठकों को कविता की गहराई में ले जाते हैं।

12. सुंदर है सुमन, विहग सुंदर
                              मानव तुम सबसे सुंदरतम।
पंत की इस कविता में प्रकृति की तुलना में मनुष्य को अधिक सुंदर और समर्थ बताया गया है। ‘कविता के बहाने’ कविता में से इस आशय को अभिव्यक्त करने वाले बिंदुओं की तलाश करें।
Answer-"कविता के बहाने" में पंत ने मनुष्य को प्रकृति की तुलना में अधिक सुंदर और समर्थ बताया है। इस कविता में कुछ बिंदुओं के माध्यम से यह आशय अभिव्यक्त किया गया है:

सुंदर है सुमन, विहग सुंदर: पंत ने प्रकृति के तुलना में मनुष्य को सुंदरतम बताया है। वह कहते हैं कि फूल और पक्षी सुंदर होते हैं, लेकिन मनुष्य उनसे भी सुंदर है। यह बिंदु मनुष्य के विशेषता और उसकी अनूठी महत्ता को उजागर करता है।

मानव तुम सबसे सुंदरतम: यह लाइन आशय को संक्षेप में प्रकट करती है। पंत कहते हैं कि मानव सभी प्राणियों से अधिक सुंदरतम हैं। यहाँ पर मानव की अद्वितीयता और उसका उत्कृष्टता का संदेश दिया गया है।

इन बिंदुओं के माध्यम से, पंत ने मानव जीवन की महत्वपूर्णता और उसकी अनूठी सुंदरता को प्रकट किया है। वे कहते हैं कि मनुष्य की अनंत सामर्थ्य, उत्कृष्टता, और सौंदर्य को कोई भी दूसरा प्राणी नहीं प्रतिष्ठित कर सकता है।

13. प्रतापनारायण मिश्र का निबंध ‘बात’ और नागार्जुन की कविता ‘बातें’ ढूँढ़ कर चर्चा कीजिए।

Answer-प्रतापनारायण मिश्र का निबंध 'बात' और नागार्जुन की कविता 'बातें' दोनों ही उत्कृष्ट साहित्य का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो व्यक्तिगत अनुभवों, भावनाओं और समाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। 

'बात' नामक निबंध में प्रतापनारायण मिश्र व्यक्तिगत अनुभवों, समाजिक परिवेश और मनोवैज्ञानिक पहलुओं को परिचित करते हैं। यह निबंध विभिन्न चरित्रों की बातचीत और संघर्ष के माध्यम से व्यक्ति के आंतरिक संघर्ष और समाज के विचारों को प्रस्तुत करता है। इसमें भाषा के साधनों का प्रयोग, अर्थपूर्ण विवेचन, और विचारों की गहराई से बात का विवेचन किया गया है।

नागार्जुन की कविता 'बातें' भी व्यक्तिगत अनुभवों, समाज के प्रश्नों और मानवीय भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करती है। इस कविता में भी भाषा की सटीकता, रसों का उपयोग, और विचारों की गहराई का वर्णन किया गया है। नागार्जुन की कविता में अधिकतर समय और स्थान अभिव्यक्तियों के रूप में उपयोग किए जाते हैं, जो एक सामान्य व्यक्ति की भावनाओं और विचारों को साझा करते हैं। 

'कविता के बहाने' और 'बात सीधी थी पर' दोनों ही काव्य रचनाओं में मानवीयता, भावनात्मकता, और साहित्यिक रस का समावेश है। ये रचनाएं सामाजिक विचार, समस्याओं का सामना, और मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं का उपेक्षा किए बिना, साहित्यिक अद्यतनता और समय के साथ परिपूर्ण हैं।



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